राहु और केतु – छाया ग्रहों का गूढ़ प्रभाव
राहु और केतु – छाया ग्रहों का गूढ़ प्रभाव
राहु – माया और महत्वाकांक्षा का ग्रह
राहु को भ्रम, माया, तामसिकता और भौतिक वासना का प्रतिनिधि माना गया है। यह व्यक्ति को सांसारिक आकर्षणों की ओर खींचता है, परंतु उसमें संतोष नहीं देता। जहां राहु बैठता है, वहां अति-लालसा, छल, और अस्थिरता देखने को मिलती है।
शुभ राहु:
यदि शुभ ग्रहों से युति हो, तो राहु व्यक्ति को तकनीक, राजनीति, विदेश, फ़िल्म, या रहस्यमयी विद्याओं में सफलता दिला सकता है।
अशुभ राहु:
यदि पाप प्रभाव में हो तो व्यसन, धोखा, सामाजिक पतन, मानसिक भ्रम और आकस्मिक संकट का कारण बन सकता है।
केतु – वैराग्य और मोक्ष का ग्रह
केतु, राहु के विपरीत, वैराग्य, अंतर्दृष्टि और मोक्ष का प्रतीक है। यह भौतिक जीवन से विरक्ति और आत्मिक खोज की प्रेरणा देता है। केतु जहां बैठता है वहां व्यक्ति को त्याग की भावना, गूढ़ विद्या और रहस्य की ओर खींचता है।
शुभ केतु:
यदि शुभ ग्रहों से युक्त हो, तो व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊंचाई, तपस्विता, योग, आयुर्वेद, ज्योतिष या गूढ़ विज्ञान में सफलता देता है।
अशुभ केतु:
मानसिक उथल-पुथल, अलगाव, गुप्त रोग, दुर्घटनाएं अथवा आत्म-पीड़न की प्रवृत्ति भी दे सकता है।
गोचर और दशा का प्रभाव
राहु और केतु का गोचर चंद्र राशि के अनुसार विशेष रूप से प्रभावी होता है। 5-9 अक्ष पर होने पर पारिवारिक जीवन, मानसिक स्थिति, स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव दे सकता है।
राहु की महादशा (18 वर्ष) व्यक्ति को जीवन में तीव्र उत्कर्ष या पतन के द्वार तक ले जा सकती है।
केतु की महादशा (7 वर्ष) आत्ममंथन, त्याग, और सूक्ष्म अनुभवों से परिपूर्ण होती है।
गूढ़ सत्य का द्वार
राहु-केतु केवल फल नहीं देते, वे कर्मों का परिणाम प्रकट करते हैं। राहु परीक्षा लेता है, भ्रम में डालता है, जबकि केतु आत्मा की ओर ले जाता है। दोनों मिलकर व्यक्ति के जीवन-पथ को दिशा देते हैं — एक बाह्य अनुभवों से, दूसरा अंतरात्मा की यात्रा से।
समाप्ति
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से राहु और केतु जीवन के छिपे हुए पाठों को उजागर करने वाले सूक्ष्म संकेतक हैं। ये हमें दिखाते हैं कि जीवन केवल भौतिक सुखों तक सीमित नहीं है, अपितु आत्मबोध और मोक्ष की ओर भी बढ़ना आवश्यक है। इसलिए कुंडली में इनकी स्थिति, दृष्टि और युति का गहन विश्लेषण आवश्यक है, ताकि जीवन में दिशा, विवेक और संतुलन बना रहे।
- लेखिका: अर्चना बाजपेई (आत्म साधिका)
- स्रोत: www.astrotalkeis.com